23 मई 2012
वाशिंगटन। ज्यादा तेज आवाज सुनना कानों के लिए हानिकारक होता है। हाल ही में हुए अध्ययन के अनुसार एक संगीत कार्यक्रम में शामिल होने के बाद करीब 72 प्रतिशत किशोरों ने अनुभव किया कि उनके सुनने की शक्ति कम हो गई है। हाउस रिसर्च इंस्टीट्यूट के चिकित्सक एम. जेनिफर डेरेबेरी और उनके साथियों ने संगीत कार्यक्रम में जाने से पहले और आने के बाद किशोरों की सुनने की शक्ति की जांच की।
उन्होंने पाया कि इस तरह से सुनने की शक्ति में आई कमी अस्थायी होती है, जो सम्भवत: 48 घंटों में दूर हो जाती है।
अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डेरेबेरी ने बताया, "किशोरों को यह समझने की जरूरत है कि संगीत कार्यक्रम या किसी निजी संगीत यंत्र की तेज आवाज सुनने की शक्ति कम कर सकती है।"
कई मामलों में सुनने की शक्ति स्थायी रूप से भी खत्म हो सकती है।
विज्ञान पत्रिका 'ओटोलॉजी एंड न्यूरोटोलॉजी' की रपट के अनुसार किशोरों के एक समूह को माता-पिता की सहमति के बाद एक रॉक संगीत कार्यक्रम के निशुल्क टिकट दिए गए। सभी किशोर मंच के सामने पहली दो पंक्तियों में एक-दूसरे के नजदीक बैठे।
शोधकर्ताओं ने वहां मौजूद कर्मचारियों को किशोरों को फोम से बने इयर प्लग देने को कहा लेकिन सिर्फ तीन किशोरों ने ही इन्हें लिया। तीन शोधकर्ता भी उनके साथ वहीं बैठे।
संगीत कार्यक्रम के बाद 53.6 प्रतिशत किशोरों ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि वे पहले जैसा सुन पा रहे हैं।
वहीं 25 प्रतिशत ने कहा कि वे कार्यक्रम के बाद कान बजने का अनुभव कर रहे हैं।
डेरेबेरी ने कहा कि हमें निश्चित तौर पर यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि संगीत कार्यक्रमों में ध्वनि का स्तर को इतना अधिक न रखा जाए कि वह व्यस्कों और किशोरों में सुनने की शक्ति को नुकसान पहुंचाए।
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